देने वाला कोई और है
Inspirational Hindi Article for helping people
हम सभी चाहते हैं कि हमारे लिए कोई कुछ करे। अगर हमने किसी को कोई उपहार दिया है या उसकी कभी कोई सहायता की है तो उसका बदला जरुर चाहते हैं। अगर बदले में कुछ नहीं मिला तो हम सामने वाले पर एहसानों की माला चढ़ा जरुर चढ़ा देते हैं।
ये बात सभी जानते हैं कि देने वाला सिर्फ भगवान् है पर कितने लोग इस बात पर भरोसा करते हैं। अगर भरोसा करते होते तो एक भाई दूसरे भाई से पिता के पैसों के लिए झगड़ा नहीं करता। सभी लेना चाहते हैं देने वाले बहुत कम हैं इस दुनिया में।
अगर वास्तव में देखा जाए तो देना वास्तव में देना नहीं, लेना होता है और लेना वास्तव में लेना नहीं देना होता है।
भौतिकी के नियमानुसार, हर क्रिया की तुरंत सामान और विरोधी प्रतिक्रिया जरुर होती है. इसके कई उदाहरण भी हैं। हम जब गेंद को ज़मीन पर मारते हैं तो वह उसी वेग से वापस लौटती है। हमारे चाहने या न चाहने पर भी ऐसा होता है।
हम गाय या कुत्ते को रोटी खिलाते हैं या कभी किसी गरीब की मदद करते हैं तो क्या तुरंत हम उनसे बदले में कुछ मांगते है… नहीं..
क्योंकि हम जानते हैं, इसके बदले में भगवान् हमें जरुर देंगे। हर कर्म का फल हमें अवश्य मिलता है, हम उस बारे में चाहे या न चाहें सोचें या न सोचें।
हमें हमेशा शुक्रगुजार होना चाहिए कि उसने हमें देने वालों की लाइन में लगाया है, उसने हमें देने लायक बनाया है। वरना मांगने वालों की लाइन बहुत लम्बी है। लेकिन फिर क्यूँ हम हमेशा मांगने वालों की लाइन में लग जाते हैं क्यूँ हम निस्वार्थ भाव से किसी के लिए कुछ नहीं कर पाते।
आइये हम एक छोटी सी कहानी से जानते हैं कि स्वयं चुन सकते हैं हमें क्या बनना है।
एक बार एक व्यक्ति कार साफ़ कर रहा था। तभी एक व्यक्ति वहाँ से गुजरा और पूछा कि ये गाड़ी किसकी है ?
उसने उत्तर दिया- मेरे भाई की है। उसने मुझे दी है।
यह सुनकर उस व्यक्ति ने लम्बी गहरी सांस ली और बोला- काश मेरा एक ऐसा भाई होता
उसके बाद फिर से एक व्यक्ति वहाँ से गुज़रा उसने भी यही सवाल किया।
उसने फिर वही उत्तर दिया- मेरे भाई की है।
तब वह व्यक्ति बोला- काश मैं वो भाई होता कि अपने भाई को कार भेंट कर पाता।
जरा सोचिये आप पहले व्यक्ति की तरह बनना चाहते है या दूसरे व्यक्ति की तरह. सबकुछ हमारे विचारों पर निर्भर करता है इसलिए मांगने से अच्छा है दाता बनने की कोशिश करें। जितना है उसी में खुश रहने की कोशिश करे और अगर ज्यादा है तो निस्वार्थ भाव से लोगों की मदद करें। जितना आप देंगे उससे कई गुना ज्यादा आपको वापस मिलेगा।
आजकल सभी अपने पैसों को बंद करके रख लेना चाहते हैं। Market में इतनी चीज़ें उपलब्ध हैं कि जिसके पास जितने पैसे हों कम पड़ जाते हैं। इस वजह से अमीर और अमीर, गरीब और गरीब होता जा रहा है। जिसके पास पैसा है वो अपने ऊपर तो लाखों रूपये खर्च कर सकता है। मगर किसी गरीब कि मदद करने के लिए उसे हजारों लाखों बार सोचना पड़ता है।
Friends मेरी आप सभी से यही Request है कि अगर आपके पास आपकी जरुरत से ज्यादा पैसा है तो लोगों कि मदद कीजिये ताकि देश की गरीबी दूर करने में हमारा भी कुछ योगदान हो। बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें पेट भर खाना नहीं मिलता, जिनके पास रहने के लिए घर नहीं है। उनके हालत इतने बिगड़े हैं कि वो चाहकर भी उन्हें सुधार नहीं सकते। उन्हें मदद कि जरुरत है।
सरकार अपनी तरफ से रोज़गार देने कि कई योजनायें और कई Fund दे रही है, पर अफ़सोस वो पैसा उन मासूमों तक पहुँच ही नहीं पाता। अगर सभी जागरूक और थोड़े से ईमानदार बन जायें तो हमारे देश कि गरीबी और बेरोजगारी की समस्या हल हो सकती है। जिस दिन हर व्यक्ति उन्नति करेगा, उस दिन देश कि उन्नति स्वतः ही हो जायेगी।
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Shandar Post… Padhke Acha laga.. 🙂
Thank you