तुम भी क्या खूब कमाल करते हो
Amazing Poetry in Hindi
तुम भी क्या ख़ूब कमाल करते हो
दिल को दुखाकर फिर दिल के घाव भरते हो
नहीं तुम्हें पसंद टूट जाऊँ मैं बिखर जाऊँ
इसलिए मेरे आँसुओं को भी दरकिनार करते हो
सारे दर्दों को अपना बनाकर मरहम लगाकर उसपर
दूर जाने का होंसला कमाल करते हो
सपनों को पर लगाकर भागते हो जाने कहाँ कहाँ
मगर फिर क्यूँ उम्मीदें बाँधने के ख़याल से ही डरते हो
ख़्वावों के आसमान में बेख़ौफ़ ज़िंदा उड़ते हो
सच से नज़र चुराकर सच में रहने का दावा करते हो
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न जाने क्या है इस खामोशी का सबब
कुछ नहीं कहना है कुछ नहीं सुनना है
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