तनहाँ सी ज़िंदगी
Best Hindi Poetry on loneliness
बस एक तनहाँ सी ज़िंदगी है और हम हैं
उस खुदा की बंदगी है और हम हैं
आसपास का शोर रुक सा जाता है कभी-कभी
भागती हुई सी ज़िंदगी है और हम हैं
लगता है जैसे शिकस्त हुई है और जीत भी
बिना शिकस्त उसे पाना भी ना मुमकिन है
ग़म – ए – ज़िंदगी एक लुफ़्त है और हम हैं
चाँद तारे कभी दूर तो कभी क़रीब नज़र आते हैं
फ़िज़ा के फूलों में भी गुलशन है और हम हैं
आइना हमेशा सच बोलता ही नहीं
वो जो शख़्स दिख रहा है कोई और है और हम हैं
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न जाने क्या है इस खामोशी का सबब
कुछ नहीं कहना है कुछ नहीं सुनना है
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