असली मूर्ख कौन शिक्षाप्रद कहानी
Moral Hindi story on fool
एक बार की बात है। एक मजदूर जंगल से गुजर रहा था। उसके साथ उसका गधा भी था। वह आराम से गधे के साथ अपना सफर तय कर रहा था।
तभी सफर के दौरान उसे एक चमकीला पत्थर दिखाई दिया उसे वह पत्थर बहुत अच्छा लगा उसने उस पत्थर को अपने हाथ में उठाया और फिर उसने अपने गधे के गले में उसे लटका दिया और आगे चलने लगा।
रास्ते में उसे एक जौहरी मिला। जौहरी उस कीमती पत्थर को पहचान गया, उसने मजदूर को टोका और पूछा- तुम्हारे गधे के गले में जो पत्थर लटक रहा है, मैं उसे खरीदना चाहता हूँ।
बताओ भाई – “तुम इसके कितने पैसे लोगे”
मजदूर उस पत्थर की क़ीमत से अनजान था, फिर भी उसने कुछ सोचा फिर बोला कि वह उस पत्थर के 100 रूपये लेगा।
जौहरी ने कहा- मैं तुम्हे इस पत्थर के 50 रूपये से ज्यादा नहीं दूंगा, तुम सोचकर मुझे बताओ।
जौहरी ने सोचा कि यहाँ उसे इस पत्थर का कोई और ग्राहक तो मिलने वाला नही है… सो, वह खुद व खुद मुने वह पत्थर 50 रूपये में दे देगा।
जैसे ही वह मजदूर ओर आगे बड़ा उसे एक औऱ जौहरी मिला उसने भी फ़ौरन उस कीमती पत्थर को पहचान लिया।
मजदूर को रोका ओर बोला – “भाई आपने अपने गधे के गले में जो पत्थर बांधा है… वह क्या आप मुझे बेचोगे”?
इस बार मजदूर कुछ चौका और उसने उस पत्थर के दो सौ रूपये मांग लिये।
दूसरे जौहरी ने उसे तुरंत दो सौ रुपये मांग लिये। पहले वाले जौहरी ने सोचा मजदूर अभी तक वापस नहीं आया तो वह भागकर उस कीमती पत्थर को मजदूर से खरीदने पहुंचा।
तब मजदूर ने उसे बताया- कि वह पत्थर उसने दो सौ रुपये में बेच दिया…
उस जोहरी को बहुत गुस्सा आया वह चीखकर उस मजदूर से बोला- ओ मूर्ख वह दो सो रुपये का मामूली पत्थर नही था।
वह लाखों रुपये का पत्थर तूने दो सो रुपये में बेच दिया।
तब मजदूर उसको बोला मूर्ख मैं नहीं आप हैं…मैं तो उस पत्थर की कीमत से अनजान था। मगर आपने उस पत्थर की कीमत को जानते हुये 50 रुपये के लालच में वह पत्थर गवा दिया। और आप मुझे मूर्ख कह रहे हैं… इस कहानी से यह सीख मिलती हे.. कि किसी भी चीज का लालच नहीं करना चाहिए। वरना आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
Speak Your Mind