पर्यावरण पर कविता
Hindi Poetry on Environment
पेड़ों की छाया में ही तो
पंछियों का रैनबसेरा है
इनके होने से हम हैं
और कहते जीवन मेरा है
गौर से देखो जरा इन्हें
ये भी तो कुछ कहते हैं
फूल, फल, हवा, सुगंध
ये सब देते रहते हैं
मीठे- मीठे फल इनके
बच्चों को कितना भाते हैं
इनका ही तो रस लेकर
भँवरे मस्त मगन हो जाते हैं
पत्तियाँ, कभी ताज़ी हरी तो कभी
सूखकर सुनहरी हो जाती हैं
इन्हें देखकर कोयल भी तो
देखो नगमें कैसे गाती है
देख इन्हें हर एक का दिल
ऐसे खुश हो जाता है
जैसे शीत लहर का झोंका
खुशियों के रंग लाता है
इनको गर जो काट गिराया
कैसे मिलेगी तुमको छाया
दर्द इन्हें भी होता होगा
चोट इन्हें भी लगती होगी
इनको जो काट गिराओगे
तुम भी तो न बच पाओगे
इनसे हम हैं हम से ये हैं
इनसे ही हैं साँसे अपनी
इनके बिना न जीवन अपना
इनकी रक्षा काम है अपना
हर एक जो पेड़ लगाएगा
वो नेक काम कर जायेगा
जो समझेगा दर्द को इनके
इन्सान वही कहायेगा
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IT IS FINE POEM ON ENVIRONMENT
Thank you…
So nice poet
Thanks…
Best poetry on plants
Keep it up!
Because of those people’s now -a- days environment is preventing
Thank u…
Thank u…
NICE POEM….WELL DONE……KEEP IT UP….
WELL I WOULD LIKE YOU TO WATCH MY VIDEO ON YOUTUBE…..YOU MUST NEED TO TYPE DHAIRYA VARSHNEY…..THERE WILL MY 3 VIDEOS I HOPE YOU WILL LIKE THEM….DON”T FORGET TO LIKE AND SUBSCRIBE…..AND THE SPELLING OF THE SHOULD BE CORRECT….
Thank you…
Thank you very mutch kavi jee
Very good thinking keep it up
Thank you…
Very nice and inspiring poem
Thank you
Iss poem k kavi kon h.. ?? I need to know this.
अंकिता शर्मा She is my sister.
She gives me some lines
and I create this Poem.
Thanks…
V. Good poetry is done here
मस्त