सर्वश्रेष्ठ शासक कौन HINDI STORY
एक बार सम्राट अशोक ने सर्वश्रेष्ठ पुरुष्कार देने का निर्णय किया। सभी शासक नियत समय पर राजदरबार में आ पहुंचे। अशोक ने उन्हें अपनी उपलब्धियों के बारे में बताने को कहा।
एक राज्य के शासक ने कहा की उसके शासनकाल में राज्य की आय दुगनी हो गई है। दुसरे शासक ने बताया की उसके शासनकाल में स्वर्ण मुद्राओं के भंडार स्थापित हो गए हैं। किसी ने कहा कि उसने आधुनिक शस्त्रों के निर्माण की व्यवस्था की है। सबने तरह-तरह से अपनी सफलताएं गिनाईं।
अंत में एक शासक ने सकुचाते हुए कहा- न तो मेरे राजकोष में स्वर्ण मुद्राओं का भंडार बढ़ा है, न आय दुगनी हुई है और न ही आधुनिक शस्त्र एकत्र हुए हैं।
मेरे शासन कल में तो राजकोष और कम हो गया है, क्यों कि मैंने राजकोष का धन पाठशालाएं और अस्पताल खुलवाने में लगा दिया है। मेरे राज्य में वृक्ष लगाने पर काफ़ी धन खर्च किया गया है। युवाओं को रोज़गार दिलाने का प्रयास हुआ है। इससे प्रजा प्रसन्न है. इसके अलावा मेरी कोई उपलब्धि नहीं है।
सम्राट अशोक ने उसे विजेता घोषित करते हुए कहा- वास्तव में तुम ही सच्चे और सर्वश्रेष्ठ शासक हो। एक शासक का प्रमुख कर्त्तव्य अपनी प्रजा को सुखी रखना और उसको जीविका के साधन उपलब्ध कराना है।
दूसरे शासकों ने वह सब हाँसिल करने की कोशिश की, जिससे राज्य सत्ता ताकतवर बने। राज्यतंत्र शक्तिशाली हो और प्रजा कमजोर, यह मुझे बिलकुल स्वीकार नहीं है।
तुमने मेरा आदर्श आत्मसात किया है, इस पर मुझे संतोष है। दुसरे शासकों को भी इस पर ध्यान देना चाहि। इस पर अन्य शासकों के सर शर्म से झुक गए।
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