अर्जुन का अभ्यास हिंदी कहानी Best Motivational Hindi Story on Practice
पांडू नाम के एक राजा थे उनके पांच पुत्र थे । उनके पुत्रों का नाम था ।
भीम , नकुल, अर्जुन , सहदेव , युधिष्टर जो कि पांच पांडव के नाम से प्रसिद्ध थे ।
इन पाँचों पांडवों के साथ-साथ गुरु द्रोण, कौरव पुत्रों के भी गुरु भी थे। कौरव धृतराष्ट्र के पुत्र थे।
इन सब में अर्जुन धनुष चलाने में सबसे तेज़ था। वह गुरु जी द्वारा दी गयी शिक्षा को मन से सीखते थे।
एकबार की बात है , गुरूजी ने अर्जुन को निशाना साधते हुये देखा । उसने एक के बाद एक तीर लगातार चलाये ।
और सभी तीर सही निशाने पर लगे गुरु द्रोण यह देखकर अत्यंत प्रसन्न हुये । वह बोले अर्जुन अगर तुम इसी तरह सीखते गये।
तो एक दिन बहुत अच्छे निशानेवाज बनोगे।
फिर अर्जुन ने अपने गुरु के चरणों के आगे एक बाण रख दिया और उनको नमन किया ।
तब गुरु द्रोण बोले अब मैं तुम्हे अँधेरे में बाण चलाना सिखाऊंगा।
तुम ध्वनि की आवाज़ से बाण छोड़ोगे और वह बिलकुल ठीक निशाने पर लगेगा।
तब अर्जुन ने गुरु द्रोण को कहा गुरु जी यह कैसे संभव है कही मेरा निशाना सही जगह नहीं लगा ।
तब क्या होगा ?
गुरुजी ने इस समय उत्तर देना सही नहीं समझा, वे चुप रहे और वहां से चले गये।
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एक रात्री को सभी राजकुमार एक साथ बैठकर भोजन कर रहे थे ।
और अचानक सारे दीपक भी हवा की बजह से बुझ गये ।
फिर भी सभी लोग अपना-अपना भोजन करते रहे तब भीम के मुंह से उसके खाने की आवाज़ चप-चप सबको सुनाई दी।
गुरूजी बोले- भीम तुम्हारा भोजन तुम्हारे मुंह के अंदर ही जा रहा है।
भीम ने उत्तर देते हुये कहा जी हाँ गुरुजी। सभी शिष्य हैरान थे । आज गुरूजी अजीब से प्रश्न क्यों पूंछ रहे है।
गुरूजी ने अब अर्जुन से प्रश्न किया – अर्जुन अँधेरा हो गया है। तुम अपना भोजन मुंह तक लेकर जा पा रहे हो या इधर- उधर ।
अर्जुन बोला जी गुरूजी भोजन को मैं सीधा मुंह में ले जा रहा हूँ । तब गुरुजी ने फिर से पूंछा पर कैसे ?
अर्जुन ने सकुचा के जबाब दिया मैं प्रतिदिन भोजन करता हूँ मुझे भोजन करने का अभ्यास है
इसीलिए मैं अच्छे से खा पा रहा हूँ ।
तब गुरुजी ने कहा – ठीक उसीप्रकार तुम अँधेरे में भी अपना निशाना सही तरीके से लगा सकते हो ।
और इन सब में ध्वनि तुम्हारी सहायता करेगी । और वहां से उठकर चले गये।
हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि अगर हम उचित अभ्यास करें तो हम जो चाहे वह कर सकते है।
हमें किसी भी काम को करने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिये ।
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