ग़रीबी से मरना उतना बुरा नहीं है हिंदी कविता ।
heart touching Sad Hindi Poem
ग़रीबी से मरना उतना बुरा नहीं है
जितना किसी का जीते जी मर जाना
किसी का क़त्ल कर देना उतना बुरा नहीं है
जितना किसी के विचारों को कसकर बाँधने की साज़िश करना
किसी का इंतज़ार करना उतना बुरा नहीं है
जितना किसी के साथ रहकर उसका इंतज़ार करना
किसी का ऐतबार करके धोखा खाना उतना बुरा नहीं है
जितना किसी से धोखा खाकर वापस ऐतबार करना
किसी के ख्वाव पूरे न हो पाना उतना बुरा नहीं है
जितना ख्वाव पूरे होने के बाद आँखों का खुल जाना
किसी बीमारी से मरना उतना बुरा नहीं है
जितना बीमार मन को साथ लेकर जीना
किसी से प्यार में धोखा खाना उतना बुरा नहीं है
जितना अपनी मर्ज़ी से अपने प्यार को जाने देना
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