Hindi motivational poem on contentment
सब कुछ पा लेने में क्या
खाक मज़ा आता है
मज़ा तो तब है जब
कमियों में भी जीना आये
देख पाएं हम जो है
खुश होने के लिए
मज़ा तो तब है जब
आँखो-2 में बात हो जाये
मीठे मीठे से ख्वावों में
खोये रहे हम
मज़ा तो तब है जब
बिन बोले मुलाकात हो जाये
खुद से खुद में ही
कहीं खो जायें हम
मज़ा तो तब है जब
खुद से खुद की बात हो जाये
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