बाल दिवस पर कविता
Hindi Poetry on Children Day
चाचा नेहरु का जन्मदिवस बाल दिवस कहलाता
चाचा नेहरु का बच्चों से था एक गहरा नाता
बच्चे मन से सच्चे होते
कभी वो हँसते कभी वो रोते
दिल उनका होता है साफ़
उनको सिर्फ प्यार की प्यास
छोटी – छोटी बातों पर रूठना उनको आता
न जाने गुस्सा उनका कब गायब हो जाता
बैर, जलन, बदला, नफरत अहंकार
इन शब्दों का अर्थ न उनको आता
चाचा नेहरु का जन्मदिवस बाल दिवस कहलाता…
जात पात का उनको भेद न कोई आता
जहाँ प्रेम मिल जाए बच्चा वहीँ है जाता
अपने पराये रिश्तों से ऊपर वो उठ जाता
सुन्दर कोमल ह्रदय उनका दिल को बस छू जाता
उनकी कोमल चंचलता सबका मन हर लेती
उनकी प्यारी बातें हमको मन्त्रमुग्ध कर देती
छिपे हैं उनमें शायद भगवन ये सन्देश हैं देती
आओ हम कुछ सीखें लें इनसे
प्रेम के रिश्ते , प्रेम के बंधन
इंसा अगर थोड़ा बच्चों से सीख ये हुनर जाता
बैठे बिठाये इस धरती पर स्वर्ग एक बन जाता
चाचा नेहरु का जन्मदिवस बाल दिवस कहलाता…
इस कविता का विडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें.
Friends अगर आपको ये Post “बाल दिवस पर कविता Hindi Poetry on Children Day” पसंद आई हो तो आप इसे Share कर सकते हैं.
कृपया Comment के माध्यम से हमें बताएं आपको ये पोस्ट कैसी लगी.
bahut achhi kavitae.
bache mn v dil se saf hote have.
Thank you…
bahut achha laga hame apka kavita…
धन्यवाद…