Hindi Poetry on Coincidence
इत्तेफाक पर हिंदी कविता
होता नहीं है कुछ भी
कभी इत्तेफ़ाक से
इत्तेफ़ाक भी होता नहीं
कभी इत्तेफ़ाक से
जिन्दगी के किसी मोड़ पे
जब होता है ये एहसास
हर वाकिये की वजह
होती है कुछ खास
यूँ मुश्किलों का आना
और आके चले जाना
होती नहीं है जीत
कभी इत्तेफ़ाक से
किस्मत की तो बात
करना फ़जूल है
ये होती नहीं मेहरबान
कभी इत्तेफ़ाक से
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your bloge is very nice ….
THANK YOU
Nice Poem
Thank you
Apne hoslo k bal par hum, apni pratibha dikha denge, bhale koi manch na de humko, hum manch apna bana lenge, Jo kehte khud ko sitara hai jagmaga kar unke saamne hi , chamak kar denge unki phiki or suraj khud ko bana lenge……
THANK YOU AFZAL JI