कल रात मेरी आँखों ने एक ख्वाव देखा था
Hindi Poetry on dream
कल रात मेरी आँखों ने एक ख्वाव देखा था
ख्वावों में एक अजब सा इत्तेफाक देखा था
आरज़ू की कलियाँ खिल रहीं थीं चारसू
चाँद तारों का खुबसूरत लिबास देखा था
शायद आसमां को ज़मीं के साथ देखा था
समंदर में लहरों का आगाज़ देखा था
दिल की धडकनों के जैसा एक साज़ देखा था
दो दिलों के बीच पनपता एहसास देखा था
जो कल बन जाता है कल और
कभी बनता है बीता हुआ कल
जो आज कभी आता ही नहीं
वो आज देखा था
जिसके प्यार की एक बूंद से
रोशन हो जाए जिन्दगी
ऐसे प्यार भरे दिल का
सैलाब देखा था
चाँद पर चलती हूँ मैं
और देखती ज़मीं को हूँ
चाँद पर भी तमन्नाओं का
फसाद देखा था
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उम्मीदें हसरतें ख्वाईशें तो बस
कोई शिकायत नहीं मुझे ये खुदा तुझसे
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ….. very nice … Thanks for sharing this!! 🙂 🙂
Thank you…
its really nic
Thanks dear…
अच्छी लगी
धन्यवाद…
Bahut hi rumani..
Bahut hi behtareen..
Thanks…
प्रियंका जी आपके शब्द दिल की गहराइयों में उतर जाते हैं. आप अच्छा लिखती हैं.
Hindisuccess.com को आपकी नई रचना का इन्तजार है. जब भी फुरसत मिले तो जरुर लिखिएगा.
Thank You sir…
I will send soon,
Very good Priynka g
Thank you…
aaaaa kamal ki shabdoon ka istamaal kartey haan aap shayd aap padtey bahut haaan kabhi to samajh aaa jata haaan par kabhi nahi samajh atat maagar padh key +ve lagta haan aisey he likhtey rahiye bahut badiya
Thank you…