Hindi Poetry on expectation
उम्मीद पर हिंदी कविता
गर खुद से ना हो प्यार
तो उम्मीदें रखना
सुना है उम्मीदें रखने से
अक्सर दिल टूट जाते हैं
सुना है उम्मीद से
आसमान टंगा
पर क्या धरती, आसमान
कभी मिल पाते हैं
सुना है प्यार पे
ये जहान टिका
पर प्यार में भी तो
लोग भटक जाते हैं
सुना है राहे इश्क में
मुश्किलें बहुत हैं
पर क्या लोग इस
राह से गुजर पाते हैं
सुना है दिल से दिल का
एक रिश्ता होता है
पर क्या लोग ये
रिश्ता निभाते हैं
सुना है बेवजह किसी से
मिलना नहीं होता
फिर क्यों लोग
मिलते हैं, बिछड़ जाते हैं
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