Hindi Story of Nicolo Paganini पेगानिनी के आत्मविश्वास की कहानी
ये छोटी सी प्रेरणादायक कहानी इटली की है, जहाँ पर एक बहुत ही प्रतिभाशाली वायलिन वादक थे जिनका नाम पेगानिनी था।
वे इतना अच्छा वायलिन बजाते थे की दर्शक झूम उठते थे
कई प्रकार के समारोहों में उन्हें आमंत्रित किया जाता था । इसी प्रकार एक बार एक संगीत समारोह में उन्हें आमंत्रित किया गया अपनी प्रतिभा को महत्वपूर्ण मंच पर दिखाने के लिये उन्होंने तैयारी शुरू कर दी।
वे बहुत खुश थे कि इतने बड़े मंच पर उन्हें वायलिन बजने का मौका मिल रहा है ।
आख़िरकार वह दिन आ गया पेगानिनी संगीत समारोह में पहुंचे । लोगों ने उनका स्वागत जोरदार तालियों से किया.
यह देखकर पेगानिनी की आँखे नम हो गई वह एकाग्रचित्त हो गये और अपनी आँखे बंद कर ली और वायलिन बजाना शुरू कर दिया।
उन्होंने उस दिन बहुत ही मधुर वायलिन बजाया श्रोतागण आँखे बंद करके मधुर संगीत सुन रहे थे।
तभी अचानक उन्हें एहसास हुआ कि वायलिन के स्वर में कुछ अंतर आ गया है जब उन्होंने आँखे खोली तो उन्होंने देखा कि उसके वायलिन का एक तार टूट गया था…
यह देखकर उन्होंने चारों तरफ लोगों को देखा और एक तार टूटने के बावजूत भी एकाग्रचित होके वायलिन बजाते रहे।
लेकिन कुछ समय बाद दूसरा तार भी टूट गया ;
अब उनके पास केवल एक ही तार बचा था.
आख़िरकार पेगानिनी ने वायलिन बजाना बंद कर दिया ,तब श्रोता बोले – एक तार और है पेगानिनी। इसके बाद उन्होंने वायलिन को अपनी ढोडी के नीचे दबाया और उसे दिलसे बजाने लगे।
उन्होंने एक तार से भी इतना मधुर संगीत निकाला कि श्रोता मंत्रमुग्ध होके सुनते रहे और खड़े होकर करतल ध्वनि करते रहे ।
संगीत खत्म होने के बाद पेगानिनी ने हाथ जोड़कर सबको नमस्कार किया और कहा –
“सफलता का एक मात्र सूत्र है – आत्मविश्वास के साथ सच्चे मन से अपना कार्य करना ।आप देख ही चुके हैं कि दो तार टूटने के बाद भी संगीत का आनंद कैसे लिया जा सकता है । सच कहूँ तो ये आत्मविश्वास और कार्य के प्रति सच्ची भावना के कारण ही संभव हुआ”
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