जैक डोर्सी की लगन
Hindi Story on twitter ceo jack dorsey
जैक डोर्सी अपने बचपन से ही बहुत ही रचनात्मक प्रवित्ति के थे। वे हमेशा कुछ नया करना चाहते थे। उन्हें Computer पर नक़्शे बनाना पसंद था।
वो कई कई घंटों तक पुलिस और एम्बुलेंस की फ्रीक्वेंसी सुनते थे। इसके बाद अस्पताल या दुर्घटनास्थल तक जल्दी पहुँचने के लिये आपातकालीन वाहनों का मार्ग बनाते थे।
उन्होंने एक ऑडियो कम्पनी में नौकरी Join की। उस समय कम्पनी पॉडकास्ट तो डायरेक्टरी सम्बन्धी बिज़नेस करना चाहती थी। लेकिन तभी Apple ने आईट्यून्स में डायरेक्टरी शामिल कर दी। तो ऑडियो कम्पनी ने जो योजना बनायी थी। उस पर पानी फिर गया।
कम्पनी के मालिक इवान विलियम्स परेशान हो गए, उन्होंने अपने स्टाफ को बुलाया और कुछ नए विचार लाने को कहा। तभी डोर्सी ने ट्वीटर का विचार रखा।
संचालकों ने इस बारे में विस्तार से जानने की जिज्ञासा प्रकट की।
तब जैक डोर्सी ने कहा- ट्वीटर के जरिये विश्व भर के नागरिक एक दुसरे को सन्देश भेज सकेंगे। जो की 140 शब्दों का होगा। अमेरिका में एसएमएस बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं। हम इस विचार के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
संचालकों को डोर्सी का यह विचार पसंद आ गया और उन्होंने डोर्सी को इस पर काम करने को कहा।
इसके बाद डोर्सी इस इंटरनेट सेवा पर काम करने में जुट गये और अपनी कड़ी मेहनत से सिर्फ दो हफ़्तों में ट्वीटर का प्रोटोटाइप बना लिया। लेकिन इसके लिए नई कम्पनी खोलने की जरुरत थी। इवान विलियम्स भी डोर्सी के साथ जुड़ गये।
उन्होंने 21 मार्च 2006 को विश्व का पहला ट्वीटर संदेश भेजा गया।
डोर्सी ने इसे “ट्वीटर” नाम दिया।
जिसका अर्थ था- ‘महत्वहीन जानकारी का छोटा संप्रेषण’ और ‘चिड़ियों का चहचहाना’
15 जुलाई 2006 तक ट्वीटर सबके लिए उपलब्ध हो गया।
काफी समय लगा पर डोर्सी अपनी लग्न के साथ लगे रहे, उन्होंने धेर्य नहीं छोड़ा।
आज ट्वीटर विश्व का तीसरा सबसे बड़ा सोशल नेटवर्क है। इसके 50 करोड़ से अधिक सदस्य हैं। रोज़ 34 करोड़ से अधिक सदस्य ट्वीट करते हैं।
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