उन्माद में भी क्या मुझे हिंदी कविता
Inspirational Hindi poetry
उन्माद में भी क्या मुझे।
जो है परेशां कर रहा।
अवसाद में भी क्या है जो
धैर्य मेरा धर रहा।
हैं अनेकों ऐसी कहानियाँ।
जो बनते बनते ही मिट गयी।
फिर कौन है जो रास्तों में
जो दीप धीरे से धर रहा- – – –
पानीयों पे जो लिख रहा
मेरी किस्मतों की दासतां
वो कश्तियों को डुबो रहा।
मुड़ के सहिलों को दिखा रहा
जुगनुओं का ये हौसला
धीरे से है ये बता रहा।
रात कितनी भी स्याद हो
वो दूर सवेरा है आ रहा
Name: Venus Singh
Profession: Teacher
We are grateful to Venus Singh for sharing this beautiful Poetry with us.
Friends अगर आपको ये Post “उन्माद में भी क्या मुझे हिंदी कविता Inspirational Hindi poetry” पसंद आई हो तो आप इसे Share कर सकते हैं.
कृपया Comment के माध्यम से हमें बताएं आपको ये Post कैसी लगी।
FOR VISIT MY YOU TUBE CHANNEL
CLICK HERE
DoLafz की नयी पोस्ट ईमेल में प्राप्त करने के लिए Sign Up करें
A good poem. I wish to publish a few new poems on dollars.com
I also wishing to publish your poems on my sites.
Regards.
Anil Kumar Sahu