ये क्या ग़ज़ब की बात
Inspirational Hindi poetry on God
ये क्या ग़ज़ब की बात कह दी है आपने
एक अजब सी बात कह दी है आपने
कि पहचानते तो हैं पर जानते नहीं
कि मानते तो हैं पर कैसे करें यकीं
ये भी तो सच है
तुझे कभी कहीं देखा भी तो नहीं
मगर शायद मेरे ही अन्दर
मुझमें ही कहीं मुझे ही कभी
महसूस होता है तेरा होना
तू है तो कहीं- कहीं
कि जब सोचूं तेरे बारे में
तो तेरा एहसास होता मेरे पास
लगता है कभी- कभी कि
मैं मेहफूस हूँ तेरे पास
ईश्वर कहूँ खुदा कहूँ
गुरुनानक कह दूँ
या फिर कह दूँ तुझे जीजस
ये नाम तेरे हैं मगर तू एक ही
जो कर रहा है हमपे रहमत
क्यूँ बांटे हम तुझे झूठ धर्मों की सियासतों में
कि जबकि तू भी चाहता है निजाद इन फसादों से
तेरा वजूद तो दिल में है महसूस होता हर घड़ी
साथ देता है तू चाहे कितनी भी मुश्किल हो आ पड़ीं
तेरे तसब्बुर से आगाह है हर एक इंसा मगर
फँस कर गर्दिशों में सच रूबरू नहीं होता
गर्दिशों-चक्र
रूबरू- समक्ष
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ये क्या गजब की बात कह डद है आपने…….
बहुत खूब।
धन्यवाद
nice priyanka ji
Thank u…