चुप रहने के फायदे
kabhi kabhi chup rahna hi behtar hai Hindi article
Friends… कभी-कभी हमारे लिए चुप रहना ही बेहतर होता है। जब परिस्थितियाँ आपके Control में ना हों, तो आपके लिए बेहतर है, चुप रहना। बाहर भले ही कितना भी शोर क्यों ना हो ,आपके लिए अच्छा है, आप अपने अन्दर के शोर को ख़त्म कर दें।
जब आप परिस्थितयों को Control ना कर सकें, तब आप अपने आपको Control करने की कोशिश करें, वजाय झगड़ा करने के और सवाल- जबाब करने के आप शांत हो जायें और आपके अन्दर परिस्थिति को लेकर जो सवाल जबाब चल रहे हैं, उन्हें भी ख़त्म करने की कोशिश करें।
अगर कोई रास्ता ना निकले तब भी आप अपने आपको अन्दर से और बाहर से शांत रखें। अन्दर से शांत रहने का मतलब है कि आप जब सोचना Start कर देते हैं और सोचते ही जाते हैं और सोचते-सोचते आप और भी Depress होने लगते हैं, ऐसे में आपके अन्दर और बाहर एक शोर चलता रहता है, जिसमें आपकी Energy Waste होती रहती है और ये आपकी Health के लिए भी अच्छा नहीं है।
ऐसे शोर को आपको रोकना है तब आप अन्दर से भी शांत होंगे।
जब आप अन्दर से भी शांत होंगे और बाहर से भी, तो आपके Surrounding जो माहौल है, वह भी Change होगा। और आप उस परिस्थिति से शांति से निकल जायेंगे।
परिस्थिति का मतलब है पर-स्तिथि। पर का मतलब- दूसरा , स्तिथि का मतलब- अवस्था। परिस्तिथि हमेशा बाहर से आती है। हमें चाहिए कि जब भी कोई परिस्थिति आये हम अपनी अवस्था बनाकर रखें।
इसका सबसे आसान उपाय है, चुप रहना अगर आप चुप रहेंगे तो आपके सही और गलत के बारे में सोचने का और समस्या को समझने का Time होगा। और आप सही वक़्त पर सही निर्णय ले पाएंगे।
हमें समझना होगा कि हम सही निर्णय तभी ले सकते हैं, जब हम अन्दर और बाहर दोनों जगह से शांत हों।
Friends कभी-कभी चुप रहने से आपके सारे काम बन सकते है, बजाय शोर शराबे के और बहस के जब बात बिगड़ती नज़र और आपके बोलने से कोई फायदा न हो तो आप चुप रहें, खुश रहें।
Friends अगर आपको ये Post “चुप रहने के फायदे kabhi kabhi chup rahna hi behtar hai Hindi article” पसंद आई हो तो आप इसे Share कर सकते हैं.
कृपया Comment के माध्यम से हमें बतायें आपको ये Post “kabhi kabhi chup rahna hi behtar hai Hindi article” कैसी लगी ।
FOR VISIT MY YOUTUBE CHANNEL
CLICK HERE
ये भी जरुर पढ़ें :-
बेहतरीन
Thank you
Really inspiring..!
THANK YOU SAUMYA
sahi baat hai agr insaan chup rhkar bina befaltu ki baatein kiye chupchap kisi cheej ka decision le to wo jeetega hi……
In my opinion, when you see that others have become half-mad in anger, not trying to understand the matter/issue in a cool mood, trying to create chaos either intentionally or due to lack of understanding, then it is better to remain silent. The situation can be understood when some dogs are engaged in fighting among themselves, then will you also join them ? Definitely not. But, when people are of educated/civilised/cold nature and trying to listen to you eagerly, then you must speak to them and keep your ‘say’ in front of them. At that time, to remain silent is not correct. Main point is don’t engage yourself in hot situation.
You are right,
That’s why I am saying when nobody want to listen. And they don’t want to understand it is better to keep silent you can not change this situation.
rightly said madam.
sometime silence and smile are the best weapon
Thank u…
Nice post dear thanks for sharing this