रॉजर का दृढ़ निश्चय
Motivational Hindi Story on Commitment
बहुत पुरानी बात है। रॉजर बेनिस्टर ब्रिटेन के एक एक जाने माने डॉक्टर थे , मगर उन्हें दौड़ने का बड़ा शौक था. जब भी अपने काम से उन्हें वक़्त मिलता वह दौड़ने का अभ्यास करने लगते थे।
उन दिनों में जितने भी तेज़ धावक थे , उनमें से कोई भी एक मील दौड़ चार मिनट से कम समय में पूरी नहीं कर पाया था।
यह सुनकर रॉजर ने कहा- ये काम असंभव नहीं है, निरंतर अभ्यास से ऐसा हो पाना संभव है।
एक विशेषज्ञ ने कहा- ऐसा हो पाना संभव नहीं है , क्योंकि इंसान के फेफड़े में इतनी शक्ति नहीं है की वह एक मील की दौड़ चार मिनट से कम समय में पूरी कर पाए।
रॉजर बड़े ही दृढ़ निश्चयी और साहसी थे।
उन्होंने विशेषज्ञ से कहा- मैं एक मील की दौड़ चार मिनट से कम समय में पूरी करके दिखाऊंगा. बस मुझे कुछ वक़्त दें।
रॉजर ने कहा देखें किसकी बात सच साबित होती है।
रॉजर ने अभ्यास करना शुरू कर दिया. उन्हें पूरा भरोसा था की यह संभव है।
वह दिन आया, जब उन्हें दौड़ना था और वे दौड़े और एक मील की दौड़ तीन मिनट 59.4 सेकेण्ड में पूरी कर ली और पूरा विश्व आश्चर्यचकित रह गया.
डाक्टर, प्रशिक्षक और उन सभी लोगों को गलत साबित कर दिया. जो यह मान बैठे थे की एक मील की दौड़ चार मिनट से कम समय में पूरी की जा सकती है।
सबसे ज्यादा कमाल की बात ये थी कि इस रिकार्ड के टूटते ही एक अन्य धावक ने रॉजर का भी रिकार्ड तोड़ दिया।
इसके एक साल बाद 37 अन्य धावकों ने इस रिकार्ड को भी तोड़ दिया. इस प्रकार रॉजर ने अपने दृढ निश्चय और मेहनत के बलबूते पर इस धारणा को तोड़ दिया और एक मील की दौड़ 4 मिनट से कम समय में पूरी की।
रॉजर को सर की उपाधि से नवाज़ा गया।
इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि कड़ी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के द्वारा लोग कोई भी रिकार्ड तोड़ सकते है। और जो लोग रिकार्ड तोड़ते हैं उन्होंने ऐसे ही रिकार्ड तोड़े है। सारी दुनिया कुछ भी कहे उन्हें खुद पर भरोसा होता है।
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Thank you
ghood story