यह पेड़ मित्र था |
Motivational Hindi Story on Environment
शाम का समय हो चला था। अँधेरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा था ।
अँधेरा होने के कारण, सड़क की बत्तियां जलने लगी। घरों में भी प्रकाश होने लगा ।
उसी समय दो चिड़ियाँ उड़ती हुई आई और सड़क के किनारे लगे एक पेड़ पर बैठ गयी ।
दोनों थोड़ी देर चुप रही फिर बातें करने लगी ।
पहली चिड़िया ने दूसरी चिड़िया से कहा कि इतनी दूर तक उड़ने के बाद एक पेड़ ऐसा पेड़
मिला जिसमें थोड़ी बहुत पत्तियां है और कुछ फूल भी दिख रहे है ।
बाकी इसके अलावा जो भी पेड़ मिले वे सभी सूखे थे । उनकी हालत ख़राब थी ।
ऐसे ही चलता रहा तो पता नहीं आगे जाकर क्या होगा ?
दूसरी चिड़िया बोली यहाँ भी सांस लेने में तकलीफ हो रही है । गाड़ियों के धुएं के कारण मेरी तो आँखे जलने लगी है ।
तब पहली चिड़िया बोली यही हाल रहा तो हमें जंगल की राह देखनी होगी ।
दूसरी चिड़िया बोली वहां कौन सी शांति है । वहां भी तेज़ी से पेड़ कटते जा रहे है ।
जंगलों के हालात भी बिगड़ते जा रहे है। मीलों तक जंगल कटते जा रहे है ।
फिर पहली चिड़ियाँ बोली यह आदमी समझ क्यों नहीं रहा है ।
मनुष्य क्यों भूल गया है कि पेड़ पौधे के रहने से ही हमें हवा शुद्ध मिलेगी ।
सभी सुखी रहेंगे । चाहे वह पक्षी हो या फिर जानवर
दूसरी चिड़िया बोली – हमें एकदूसरे की भलाई की बात सोचनी होगी ।
जब तक हम एकदूसरे की भलाई नहीं सोचेंगे तब तक हम सभी दुखी रहेंगे । वह बोली क्या तुमने कल नहीं देखा
कि एक गाय सड़क के किनारे मरी पड़ी थी ।
पहली चिड़िया ने कहा हाँ बहन देखा तो था मैंने पर वह कैसे मर गयी थी क्या तुम्हे मालूम है ।
दूसरी चिड़िया बोली – आजकल प्लास्टिक की थैलीयों का मनुष्य बहुत उपयोग करते है ।
सभी खाने की वस्तुएं भी उसी में रखकर लाते है ।
इन थैलियों में सव्जियों, फल आदि के छिलके भी उन्ही थैलियों में डालकर फेक देते है ।
जिसकारण ये नुकशानदायक थैलियाँ गाय आदि जानवर खा लेते है ।
और जानवरों की मृत्यु हो जाती है । कागज की थैलियाँ ज्यादा नुकशान दायक नहीं होती है ।
किसी ने वासी रोटियां प्लास्टिक की थैली में डाल दी और उसको गाय ने खा लिया और वह मर गयी ।
तब पहली चिड़िया ने दूसरी चिड़िया से कहा – आखिर मनुष्य इतना स्वार्थी कैसे हो गया है ?
वातावरण जितना दूषित होगा उतना ही कष्ट और नुकशान उसको भी होगा ।
अब इसी पेड़ को देख यह पेड़ जब हराभरा होगा तब कितना सुंदर होगा ।
इसमें हरी पत्तियां और सुंदर – सुंदर फूल खिलते होंगे | आज देखो इसका क्या हाल हो चूका है ।
पहली चिड़िया बोली – भगवान सभी प्राणीयों में सबसे ज्यादा बुद्धि दी है उसको सबकी परवाह
करनी चाहिए पर यहाँ सब उल्टा है। मनुष्य स्वार्थी ही नहीं बल्कि आत्मघाती भी होता जा रहा है।
पहली चिड़िया बोली हाँ तुम सच कहती हो ।
जिस मनुष्य पर इस वातावरण को संतुलन बनाने का भार है ।
वही इसे नष्ट करने पर तुला हुआ है । मनुष्य आज यह भूल चूका है कि वातावरण के संतुलन बिगड़ने पर
सबसे ज्यादा नुकसान मनुष्य को भोगना पड़ेगा ।
दूसरी चिड़िया बोली – हम कमज़ोर प्राणी है हम कुछ भी नहीं कर सकते है ।
तब पहली चिड़िया दूसरी चिड़िया से कहती है हम एक काम तो करने में सक्षम है तो चलो
कही और चलें | वहां चलते है जहाँ कम से कम साफ़ हवा तो हो ।
दूसरी चिड़िया ने कहा – ठीक है चलते है । अब हमें अपने मित्र पेड़ से बिछुड़ना ही होगा ।
दोनों चिड़ियाँ उडकर दूर निकल गयी और इसीतरह रात गहरी होती चली गयी ।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने वातावरण का संतुलन बनाये रखना है।
अगर ऐसा नहीं हुआ तो कुछ सालों में ये धरती नष्ट हो जाएगी ।
Friends अगर आपको ये Post ” यह पेड़ मित्र था | Motivational Hindi Story on Environment ”
पसंद आई हो तो आप इसे Share कर सकते हैं.
कृपया Comment के माध्यम से हमें बताएं आपको ये Post कैसी लगी।
FOR VISIT MY YOUTUBE CHANNEL
ये भी जरुर पढ़ें:-
अच्छी बातों को जीवन में उतारें
मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती
Speak Your Mind