परिश्रम आवश्यक क्यों है motivational Hindi story on hard work

परिश्रम आवश्यक क्यों है

motivational Hindi story on hard work

परिश्रम आवश्यक क्यों है motivational Hindi story on hard work

परिश्रम आवश्यक क्यों है motivational Hindi story on hard work

बहुत पुरानी बात है। एक नगर में एक व्यक्ति रहता था। वह बहुत ही धनवान था, उसकी  अपनी एक बहुत बड़ी हवेली थी। उसके पास बहुत सी संम्पति थी।

अच्छा परिवार ढेर सारे नौकर-चाकर धन दौलत सब कुछ था। ढेर सारे सुख होने के बाद भी उस व्यक्ति की एक परेशानी थी कि उसे रात में नींद नहीं आती थी। बस यही एक कष्ट उसको था। कभी- कभी नींद आ भी जाये तो थोड़ी देर में फिर जाग जाता था। इस वजह से उसे बहुत बैचैनी रहती थी।

सारा घर आराम से सोता था और वह करवट बदलता रहता था। उसने डॉक्टर को भी दिखाया पर दवाइयों से भी   कोई फायदा नहीं हुआ।

उसकी पत्नी भी उसकी इस हालत से बहुत परेशान थी।

एक दिन एक साधू उस नगर में आये, वे घूम घूम कर लोगों के दुखों को दूर कर रहे थे। सेठ की पत्नी ने देखा, तो सेठ को उन साधू के पास ले गयी।

सेठ ने साधू महात्मा के पास जाकर उन्हें प्रणाम किया, और बोला- महात्मा मेरे पास सबकुछ होते हुये भी रात में मुझे नींद नहीं आती, आप मेरा दुःख दूर कीजिये और कोई उपाय बताइये।

साधु ने पूरी बात ध्यान से सुनी फिर कुछ देर बाद बोले- सेठ जी आपके रोग का एक ही कारण है कि आप अपंग हैं।

ये सुनकर सेठजी चौंके और बोले- मेरे हाथ पैर सब सही सलामत हैं. फिर आप मुझे अपंग क्यों कह रहे हैं ? मैं अपंग कैसे हो सकता हूँ।

साधू महात्मा ने हँसकर जबाब दिया- अपंग वह नहीं होता जिसके हाथ पैर नहीं होते, अपंग तो वह होता है, जिसके हाथ पैर होते हुए वह उसका इस्तेमाल ना करे।

साधु महात्मा ने कहा- सेठ जी आप एक बात बताइये कि आप सारा दिन में कितना काम करते हैं।

सेठ जी चुप हो गये, वो तो सारा काम नौकरों से करवाते थे।

कुछ देर बाद सेठ जी बोले- मैं तो कोई काम नहीं करता मेरा सारा काम मेरे नौकर करते हैं।

साधू ने कहा फिर आपको नींद कैसे आ सकती है, आप सारा दिन कोई परिश्रम ही नहीं करते। अगर आप इस बीमारी से बचना चाहते हैं, तो सारा दिन आप कम से कम इतना काम तो करें ताकि थककर आपको नींद आ जाये।

सेठ जी को अपनी बीमारी का कारण समझ में आ गया और अगले ही दिन उन्होंने अपने सारे काम स्वयं किये। और जो भी घर पर काम हो रहे थे, उन पर भी ध्यान दिया। और कुछ न कुछ करते रहे।

उस दिन रात को उन्हें बाहुत गहरी नींद आ गयी और वह चकित रह गए.

उन्होंने साधू का  धन्यवाद किया, उनके प्रति आभार व्यक्त किया। और कहा- आपने मुझे बहुत बड़ी परेशानी से बहुत आसानी से निकाल दिया.

FRIENDS…इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि चाहे दुनिया के कितने भी सुख क्यों ना हों पर अगर इन्सान का शरीर स्वस्थ नहीं है, तो उन सारे सुखों की कोई कीमत नहीं है। एक स्वस्थ  शरीर के लिए परिश्रम करना अति आवश्यक है।

 

इस कहानी को यूटूब पर सुनें

 

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Comments

  1. very nice and useful story

  2. sahi kaha aapne aaj ke time me har cheez ke liye mehnat bahut jaroori hai. Achi lagi aapki ye kahani jo youngster ko motivate karegi.

  3. Its true. Aur apne bilkul sahi kaha sir. Ki ajkal mehnat se hi sab hasil kiya ja sakta HAI. Thanks for sharing this great article.

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