साहसी रूपा हिंदी कहानी | Motivational Story on Wisdom

साहसी रूपा हिंदी कहानी | Motivational Story on Wisdom

साहसी रूपा हिंदी कहानी | Motivational Story on Wisdom

साहसी रूपा हिंदी कहानी | Motivational Story on Wisdom

रूपा अपने माता-पिता की एक अकेली लड़की है । वह बहुत बुद्धिमान और साहसी थी ।

सदैव दूसरों की सहायता करना उसका स्वाभाव था ।

एक रात में उसका परिवार और रूपा सो रही थी । अचानक घर में आवाज़ हुयी ।

रूपा सुनकर जाग गयी उसे लगा कि कोई चोर आया है शायद वह डरती हुयी । 

 

पापा के कमरे में गयी उसने अपने पापा को जगाया और कहा  पापा घर में शायद चोर है ।

 

पापा ने कहा- तुम्हे भ्रम  हुआ है अब जाओ और जाकर सो जाओ । यह कहकर रूपा के पापा सो गये ।

रूपा ने थोड़ी देर में फिर आवाज़ सुनी ।

रूपा को पूरा विश्वास हो गया कि पक्का कोई तो है ।

 

उसने पुनः अपने पापा को जगाया । तभी किसी के क़दमों की आहट हुयी । दोनों सुनकर सावधान हो गये ।

उसकी माँ भी जाग गयी । चोर कमरे की ओर बढ़ा ।

 

तीनों ने चोर को सबक सिखाने की तैयारी कर ली थी। उन्होंने दरवाजे की कुण्डी पहले से ही खोल दी ।

पापा ने पास में रखा एक डंडा उठा लिया । चोर ने जैसे ही दरवाजा खोला पापा ने डंडे से उस चोर पर वार किया ।

 

पापा का वार असफल हो गया । चोर क्र हाथ में एक चाक़ू था यह देखकर वह तीनों डर गये ।

चोर ने रूपा के पापा को चाकू दिखाई और उनके गहने और पैसे पूंछने लगा ।

रूपा समझ गयी की यह समय भयभीत होने का नहीं है ।

यह तो बुद्धिमानी से काम लेने का है । उसके दिमाग में एक उपाय आया ।

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उसने चोर को सुनते हुए अपने पापा से कहा,‘’ पापा आप इसे घर के पीछे वाले रूम में ले चलो ।

 

आप इसे वहां रखे धन के बारे में क्यों नहीं बता देते ? ऐसे धन से क्या लाभ कि जो हमारे प्राण ही हर ले।

” पापा को रूपा की बात समझ में नहीं आ रही थी।

 

वह चोर के सामने गिडगिडाने लगे । “ हमारे पास सच में कोई धन नहीं है ।” चोर को क्रोध आ गया ।

 

तब रूपा ने अपने पापा को आँखों के इशारे में समझाते हुए कहा –

”पापा ! मैं उस धन की बात कर रही हूँ जो घर के पीछे वाले कमरे में रखा है । ”

जो हमने अपनी अलमारी में रखा था ।

 

अब पापा रूपा का इशारा समझ गये और बोले ,”हाँ-हाँ ! मुझे याद आ गया । ” चलों तुम्हे वहां ले चलते है ।

अब चोर भी प्रसन्न हो गया । रूपा बड़ी चालाक थी ।

 

वह चोर को अपनी मीठी-मीठी बातों में उलझाये रही । चोर भी ख़ुशी-ख़ुशी रूपा की बातें सुनता हुआ चल रहा था ।

जैसे ही चोर ने घर के पीछे वाले कमरे में पैर रखा रूपा ने बाहर से कुण्डी लगा दी । रूपा इसी अवसर की तलाश में थी ।

 

रूपा उसके पापा और उसकी माँ घर से बाहर निकले और चोर-चोर का शोर मचाने लगे ।

सभी पडोसी यह सुनकर अपने-अपने घरों से बाहर निकल आये । तब एक पडोसी ने पुलिस को फोन कर दिया ।

पुलिस आई और चोर को गिरफ्तार करके ले गयी । सभी रूपा की बुद्धिमानी और साहस की प्रशंसा करने लगे ।

 

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें मुश्किल समय में कभी भी अपना साहस नही खोना चाहिये ।

साहस और   बुद्धिमानी से किये गये कार्य में सफलता अवश्य मिलती है ।

 

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