आइंस्टीन के जीवन के प्रेरक प्रसंग
Short Hindi Story of Einstein
एक बार की बात है, आइंस्टीन जो कि महान वैज्ञानिक थे। उनकी खोज सारे विश्व में प्रसिद्द थी
जो लोग विज्ञान में रूचि रखते थे। वह उनके सामने कई प्रश्न लेकर जाते थे। आइंस्टीन उनके सभी प्रश्नों का उत्तर सरल भाषा में देकर उन्हें संतुष्ट कर देते थे।
एक बार विज्ञान के कुछ छात्र आपस में बातें कर रहे थे।
उनमें से एक छात्र बोला- मुझे अभी तक सापेक्षता का सिद्धांत समझ नहीं आया। उसकी बात सुनकर
दूसरा छात्र बोला- तुमने तो मेरे मन की बात कह दी. मुझे भी सापेक्षता का सिद्धांत कुछ ख़ास समझ नहीं आया।
तब तीसरा मित्र बोला- मुझे सापेक्षता का ‘क ख ग’ भी नहीं पता।
वे सभी मिलकर शिक्षक के पास गये. शिक्षकों ने बहुत समझाने की कोशिश की, मगर फिर भी उनको कुछ समझ में नहीं आया।
इसके बाद सभी छात्रों ने मिलकर आइंस्टीन के पास जाने का निर्णय लिया।
वे सभी आइंस्टीन के पास जा पहुंचे।
आइंस्टीन उनका प्रश्न सुनकर मुस्कुराये और बोले-
सापेक्षता का अर्थ बहुत ही आसान है मैं तुम्हें इसकी सरल व्याख्या बताता हूँ. छात्र बोले हाँ “सर” बताइये।
आइंस्टीन बोले-
“जब आप किसी अत्यंत प्रिय व्यक्ति के पास घंटों बैठते हैं, तो आपको लगेगा अभी तो कुछ मिनट ही हुए हैं, इसके विपरीत किसी अप्रिय व्यक्ति के साथ 5 मिनट भी एक घंटे जैसा लगेगा. बीएस यही सापेक्षता है।”
यह सुनकर तीनों छात्र आइंस्टीन की ओर देखकर बोले- “सर” आपने इस उच्च स्तरीय सिद्धांत को वास्तव में कितनी सहजता से समझा दिया. इसलिए आप इतने महान और दूसरों से भिन्न हैं।
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बिलकुल सत्या बात है। प्रिय व्यक्ति के पास बैठने पे पता नहीं लगता टाइम का। थैंक्स फ़ॉर शेयरिंग । Achhipost.com
धन्यवाद…
Magnificent story! This is very inspiring and true, a good lesson for kids with great moral, and is applicable for our everyday lives, this story is amazing.