महात्मा गाँधी और कैलन बैक की दोस्ती
Short Hindi Story of Mahatma Gandhi

महात्मा गाँधी और कैलन बैक की दोस्ती Short Hindi Story of Mahatma Gandhi
यह उन दिनों की बात है, जब महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रिका में रंगभेद के खिलाफ जंग लड़ रहे थे। उस समय उनकी दोस्ती एक गोरे व्यक्ति से हुयी जिसका नाम केलन बैक था। केलन बैक गांधी जी के स्वभाव से बेहद प्रभावित हुए और हमेशा के लिए उनके अनुयायी बन गए ।
केलन बैक एक धनी व्यक्ति थे। जब गांधीजी पहली बार जेल गए, तो केलन ने उनके सारे आंदोलन को संभाला और उन्हें जेल से छुड़ाने के लिए अभियान छेड़ दिया। तब एक हप्ते बाद उनकी रिहाई का आदेश हो गया। यह सुनकर केलन को बहुत खुशी हुयी। उस ख़ुशी को व्यक्त करने के लिये केलन एक महंगी कार खरीदी।
जिस दिन गांधीजी जेल से निकले तो केलन अपनी नई कार रॉयल लेकर जेल पहुंचे। जब गांधीजी जेल के बाहर निकले तो उन्होंने देखा केलन नई कार लेकर खड़े है। गांधीजी उनकी नई कार देखकर अचंभे में पड़ गए। और उनको बुरा भी लगा। वह बोले यह गाड़ी किसके लिए है? केलन ने कहा यह आपके लिए लाया हूँ, आप इसमें बैठकर घर चले.
तब गांधीजी ने कहा तुम अपनी नई कार से चलो। मैं पीछे आऊंगा। इतना कहकर वे आगे चलने लगे । केलन अपने मित्र गांधीजी की नाराज़गी को समझ गए। केलन ने गांधीजी से कहा – आप कुछ देर यहां मेरा इंतजार कीजिए,मैं अभी आता हूँ।
केलन तुरंत पुराने बाजार गये और उन्होंने 15 हजार के नुकसान से अपनी नई कार बेच दी । इस बीच गांधीजी केलन के इंतजार में जेल के बाहर खड़े रहे.जब केलन कार बेचकर पैदल वापस आए,और गांधीजी से कहा अब तो ठीक है न, तब गांधीजी ने मुस्कराते हुए कहा – हाँ, अब ठीक है।
और यह भी कहा – कि हमे यह नहीं भूलना चाहिये कि हम गरीब देश के गरीब इंसान है। और हम जो लड़ाई लड़ रहे है वो गरीबों के हित के लिये है अर्थात हमारी लड़ाई गरीबों के लिए है। उस लड़ाई के लिए ही मैं जेल गया था। तुम जानते हो हमें यहां कुली बैरिस्टर कहा जाता है। और हम अगर इतनी महंगी कार में सवारी करे, यह हमें शोभा नहीं देता है । इस तरह गांधीजी ने अपने प्रिय मित्र को सादगी भरा संदेश दिया।
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