पिंजरे के पंछी प्रेरणादायक हिंदी कहानी । Short Hindi Story on freedom
एक बार पप्पू अपने दोस्त के घर गया वहां उसने अपने दोस्त श्यामू के घर पर रंगीन पक्षियों
को एक पिंजरे में देखा तो अपने घर में पक्षी पालने की जिद करने लगा। मम्मी-पापा ने उसको
बहुत समझाया कि पक्षियों को पिंजरे में बंद करके नहीं रखना चाहिये।
जब पप्पू मानने को तैयार ही नहीं था तो उसके पापा बाज़ार से उसके लिये रंगीन पक्षी का एक जोड़ा
ले आया। पप्पू ने पक्षियों को एक छोटे से एक सुंदर पिंजरे में अपने घर के आँगन में टांग दिया। स्कूल
की छुट्टियाँ थी। राजू अपना ज्यादातर समय पक्षियों के साथ ही गुजरता था।
पक्षियों को खाना देना उसका सबसे पसंदीदा काम बन गया था। पप्पू पक्षियों के पिंजरे के पास
बैठकर उनसे घंटों बातें करता था। एक दिन पड़ोस में रहने वाले उसके हम उम्र दोस्त राहुल ने
उसे खेलने चलने को कहा।
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दोनों छत पर जाकर चोर और पुलिस का खेल खेलने लगे। पप्पू चोर बन गया और राहुल पुलिस बन
गया ।थोड़ी देर लुका छिपी के बाद चोर पकड़ा गया राहुल बोला अब मैं चोर को जेल में बंद करूँगा।
पप्पू की छत पर एक कमरा था।
जिसे वे लोग स्टोर रूम की तरह उपयोग करते थे। राहुल, पप्पू को उस कमरे में बंद करके बाहर
से कुण्डी लगाने लगा, तभी अचानक एक मदारी की आवाज़ आई तो राहुल ने पप्पू से कहा चल पप्पू
और राहुल नीचे चला गया पर पप्पू कमरे में बंद हो गया था। वह बंद ही रह गया।
अब राहुल बंदर का खेल देखकर अपने घर चला गया । वह भूल गया कि उसने पप्पू को कमरे में बंद कर
दिया था। यहाँ पप्पू चिल्लाता रहा दरवाज़ा पीटता रहा। किसी ने दरवाजा नहीं खोला वह डर से रोने
लगा।
किसी को कोई आवाज़ न सुनाई दी उसकी हालत एक बंद पिंजरे में बंद पक्षियों की तरह हो गयी
जैसे कि पक्षी पिंजरे से बाहर निकलने के लिये पिंजरे में अपनी चोंच मारते रहते है पर उन्हें कोई
भी बाहर नहीं निकालता।
पप्पू की माँ ने सोचा राजू अपने दोस्तों के साथ बाहर खेल रहा है। जब बहुत देर हो गयी और शाम
होने लगी तो पप्पू की माँ ने सोचा अब तक पप्पू क्यों नहीं आया। फिर उसकी माँ राहुल के घर गयी
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उससे पूंछा तब जाकर राहुल को याद आया कि खेल खेल में वह तो पप्पू को छत के स्टोर रूम
में ही बंद कर आया था सब भाग कर छत पर गये तो कमरे से पप्पू के रोने की आवाज़ आ रही
थी । तुरंत उसकी माँ ने दरवाजा खोला तो सामने देखा कि पप्पू का चहरा आंसुओं से भीगा है।
वह बुरी तरह से रो रहा है वह माँ से चिपक गया। पप्पू तुरंत भागता हुआ नीचे गया और वहां से
पक्षियों का पिंजरा ऊपर लाया। सारे पक्षियों को खुले आसमान में छोड़ दिया। पक्षी खुले
आसमान में उड़ गये पप्पू पक्षियों का दर्द समझ चुका था।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है, कि हमें कभी भी किसी को भी अपने स्वार्थ के लिये बांध कर
नहीं रखना चाहिये। सबका आपना अपना जीवन है और सबकी अपनी-अपनी आकांक्षाएं है। सबको
स्वतंत्र रहने का पूरा अधिकार है। हमें किसी को भी कष्ट देने का अधिकार नहीं है।
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