मैं तुझे फिर मिलूँगी । Amrita Pritam Poetry in Hindi मैं तुझे फिर मिलूँगी कहाँ कैसे पता नहीं शायद तेरे कल्पनाओं की प्रेरणा बन तेरे केनवास पर उतरुँगी या तेरे केनवास पर एक … [Read more...]
कभी कभी अपनी परछाई से भी डर लगता है Emotional Hindi Poetry on shadow
कभी कभी अपनी परछाई से भी डर लगता है Emotional Hindi Poetry shadow कभी कभी अपनी परछाई से भी डर लगता है मौत से भी ज्यादा जिन्दगी से डर लगता है सफर में आगे बढ़ तो रहे हैं हम तन्हाई से भी … [Read more...]
कैसे कहुँ कि प्रेम क्या है प्रेम पर हिन्दी कविता Love Hindi Poem
कैसे कहुँ कि प्रेम क्या है प्रेम पर हिन्दी कविता Love Hindi Poem भटकने से मंजिल नहीं मिलती ठहरने से रास्ते नहीं कटते "प्रेम" कैसे कहुँ,-कि प्रेम क्या है ? सिवाय बदनामी के - इस प्रेम में … [Read more...]
स्त्री पुरुष मित्रता हिन्दी कविता Hindi poem on men and woman friendship
स्त्री पुरुष मित्रता हिन्दी कविता Hindi poem on men and woman friendship चलो आज मान ही लेती हूँ नहीं हो सकती कभी भी, स्त्री पुरूष में स्वस्थ मैत्री - इन संबधों में, हमेशा आ … [Read more...]
दुनिया कहाँ से कहाँ निकल गई Hindi Poems | Kavita | Famous Poetry in Hindi हिंदी शायरी
दुनिया कहाँ से कहाँ निकल गई Hindi Poems | Kavita | Famous Poetry in Hindi हिंदी शायरी दुनिया कहाँ से कहाँ निकल गई मैं आज भी वहीं का वहीं खड़ा हूँ परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है फिर भी … [Read more...]
मैंने चाहा था चलना आसमानों पे हिंदी कविता Hindi Poetry for courage
मैंने चाहा था चलना आसमानों पे हिंदी कविता Hindi Poetry for courage मैंने चाहा था चलना आसमानों पे मगर चाँद ने रास्ता रोक लिया, मंज़िल के आने से पहले रास्ते में मुझको टोक … [Read more...]