मुकम्मल हो जायें सारी खुशियाँ
The best inspirational hindi poem

मुकम्मल हो जायें सारी खुशियाँ The best inspirational hindi poem
मुकम्मल हो जायें सारी खुशियाँ ज़रूरी तो नहीं है
कहीं ये कमीं है तो कहीं वो कमीं हैं
पूरी हो जाएँ सारी कमियां ज़रूरी तो नहीं है
जरा सी छाँव बहुत है धूप से बचने खातिर
मिल जाए सारा आसमां ज़रूरी तो नहीं है
गर रौशनी ही चाहिये तो चाँद भी बहुत है
सूरज के साथ जलना ज़रूरी तो नहीं है
रास्ते में ही तेरी मंजिल छिपी हो शायद
मंजिल के लिए भटकना ज़रूरी तो नहीं है
खुश रहना गर चाहो तो वजहें बहुत है
हर दुःख पे दुखी हों ज़रूरी तो नहीं है
एक मुद्दत हुई मुस्कुराये हुए तुमको
नाकामियों का मातम ज़रूरी तो नहीं है
हार के बाद जीत और जीत के बाद हार
हार और जीत में फंस जाना ज़रूरी तो नहीं है
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ये मेरे देश की नारी हिंदी कविता
क्या सबब है कि कुछ हिंदी कविता
बहुत ही बढ़िया article है। …. Thanks for sharing this!! 🙂 🙂
धन्यवाद…
Hi
Apkey sabdoon main jindagi ki asliyaat Bataan Hoti Haan
Great
Thanks…
u r always wonderfull with ur words….. very touchy n soulfull lines
Thank you…