नेपोलियन हिल का सुझाव । Suggestion of Napoleon Hill in Hindi । Think and grow rich in Hindi
सभी कल्पना के सहारे अपनी जिंदगी के सपने देखते और जीवन में आगे बढ़ते जाते है।
कल्पना के महीन धागे के सहारे ही कवि कलाकार, नाटककार, संगीतकार, वैज्ञानिक, शोधकर्ता, अपनी-अपनी रचनाओं का निर्माण करते है|
फिर उसे वे असली जामा पहनाते है।
ऐसा ‘थिंक एंड ग्रो रिच’ के लेखक नेपोलियन हिल का कहना है।
नेपोलियन हिल की एक बेस्ट सेलर किताब में उनके 20 साल के एक से एक अनुभव का पूरा निचोड़ है।
इस किताब में उनकी जिंदगी के सारे बड़े-बड़े अनुभव कैद है
उन्होंने अपने समकालीन प्रत्येक क्षेत्र के सफल व्यक्तियों का साक्षात्कार कर उनकी सफलता का राज जानने के लिये शोध किया था।
नेपोलियन हिल के अनुसार, आप कोई भी काम शुरू करने के लिये सबसे पहले कल्पना की एक माला तैयार करते है
कि पैसा, प्रसिद्धि, मानसिक शांति व ख़ुशी में से आप सबसे ज्यादा क्या चाहते है?
आप पहले अपनी कल्पना शक्ति से लक्ष्य निर्धारित करते है। उसके बाद यह सामान्य इच्छाशक्ति दृढ़ संकल्प में बदल जाती है।
जरुर पढ़ें:- सपने सच कैसे होते हैं
आप जिस प्रबलता व दृढ़ता से चाह करते है, इसमें आपकी कल्पना शक्ति सुसुप्तावस्था में भी मानस पटल पर उसे अंकित करती रहती है।
ऐसे में, आप उस दिशा में प्रयासरत रहते है। नेपोलियन हिल बताते है कि कल्पना शक्ति के सहारे आप नई संस्था, नई वस्तु अद्भुत चीजों की रचना करते है।
हमारे तमाम सकारात्मक मनोभावों का असर हमारी कल्पना पर पड़ता है और मनोभावों के आधार पर हमारे आदर्श लक्ष्य की सृष्टि होती है।
हम जैसी कल्पना करने लगते है, वैसे ही बन जाते है|।
अच्छी और सुंदर कल्पना शक्ति से आपका निरंतर विकास होता है। इसीलिए अपने मन में सतरंगे सपनों का संसार सजाइये,
आपकी दुनिया उन्नति के पथ पर सहज ही अग्रसर हो जायेगी। एक बार कोशिश तो कीजिये।
इसीलिए कहा गया कि खुली आँखों से सपने देखे ।
शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनने के लिए हमारे चैनल ज्ञानमृत को ज़रूर Subscribe करें।
ये भी जरुर पढ़ें:-
क्रोध कम करने करने के उपाय
समस्याओं के निवारण के उपाय
अपना वक़्त बर्बाद न करें
क्षमा करना क्यों ज़रूरी हैं
असफल होने का महत्व
सपने सच कैसे होते हैं
नज़रिया बहुत बड़ी चीज़ होती है
कैसे करें शुरुआत
सच बोलने के फ़ायदे
नारी का सम्मान
ye kitab maine padhi hai….bahut achhi book hai,…..or aapne achha article likha hai priyanka ji…..
Dhanyavaad