UMMEEDEIN HASRATEIN KHVAISHEIN HINDI POETRY
उम्मीदें, हसरतें, ख्वाईशें तो बस ख्वावों में होते हैं
असल जिन्दगी में तो बस समझोते होते हैं
किसी का दिल टूटा है तो कोई रूठा है
इन बातों के भी क्या कोई मतलब होते हैं
खोये-खोये से होते हैं दिन और जागती रहती हैं रातें
कुछ लोग ज़माने में क्या इतने भी पागल होते हैं
बतला दे मेरे खुदा समझा दे मुझको ये बात
साथ दे-दें जो उम्र भर ऐसे लोग कहाँ होते हैं
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Bahut sunder kavita hai
Bahutttttttt sarash chhe….
Thanks…